चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। “मैं तन्हा हूँ शायद इसलिए, क्यों की दिल नहीं भरोसा टूटा है।” क्या करें इश्क की तासीर ही ऐसी होती है। कलीम आजिज़ टैग : ज़िंदगी शेयर कीजिए क्योँकि उन्हें तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck