मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। If the download link offered from the write-up (सम्पूर्ण शिव चालीसा लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।। जो यह https://cashnmpqy.wikipresses.com/4555833/a_simple_key_for_shiv_chalisa_lyrics_in_bengali_unveiled